’एक टुकड़ा आज’ से

शक से देखी गयी भूमिका हर कदम। ढूँढते जो रहे फायदा हर कदम। बावफा से रखो राबिता हर कदम। बेवफा को करो अनसुना हर कदम। साथ उसके रहो साथ उसके चलो, जो रहे हम कदम आपका हर कदम। जिन्दगी के लिये जिन्दगी भर करो, खूब हालात का सामना हर कदम। हर कदम पर मिली कामयाबी … Continue reading ’एक टुकड़ा आज’ से